Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन मैदान में हुए भीषण आतंकी हमले में अब एक बड़ा खुलासा हुआ है. आदिल अहमद ठोकर, जो कि अनंतनाग जिले के बिजबेहरा के गुर्रे गांव का रहने वाला है. वह हमले का मुख्य साजिशकर्ता निकला. जानकारी के अनुसार, ठोकर 2018 में पाकिस्तान गया था और 7 साल बाद तीन-चार आतंकियों के साथ घुसपैठ कर भारत लौटा, जिसके बाद उसने 22 अप्रैल 2025 को बैसरन में नरसंहार को अंजाम दिया.
2018 में आदिल अहमद ठोकर ने छात्र वीजा पर पाकिस्तान की यात्रा की थी. खुफिया सूत्रों का कहना है कि जाने से पहले ही वह आतंकी संगठनों से प्रभावित हो चुका था. पाकिस्तान में वह पूरी तरह से लश्कर-ए-तैयबा के नेटवर्क में शामिल हो गया. करीब आठ महीनों तक उसका कोई पता नहीं चला और उसके डिजिटल ट्रैकिंग भी खत्म हो गई थी. वह कट्टर और हथियारों की ट्रेनिंग लेकर लश्कर के इशारे पर एक खतरनाक ऑपरेटर बन चुका था.
भारत में वापसी और आतंकी नेटवर्क में सक्रियता
अक्टूबर 2024 में ठोकर ने पुंछ-राजौरी सेक्टर से घुसपैठ कर भारत में प्रवेश किया. उसके साथ तीन से चार अन्य आतंकवादी भी थे, जिनमें से एक पाकिस्तानी नागरिक हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान भी था. घुसपैठ के बाद ठोकर ने अनंतनाग जिले में अपना अड्डा बनाया. उस दौरान वह कई सीक्रेट कैंप शिविरों और गांवों में छिपता रहा. उसने पुराने डॉर्मेंट आतंकी नेटवर्क को फिर से सक्रिय किया.
बैसरन नरसंहार में शामिल था ठोकर
22 अप्रैल की दोपहर 1:50 बजे ठोकर और उसके साथियों ने बैसरन मैदान में हमला बोला. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पर्यटकों पर धार्मिक पहचान पूछने के बाद अंधाधुंध फायरिंग की. हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय टट्टू चालक की मौत हुई. आतंकियों ने केवल 10 मिनट से भी कम समय में घटना को अंजाम दे दिया. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने आरोपी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आदिल अहमद ठोकर के साथ हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान, अली भाई उर्फ तल्हा भाई को हमले में मुख्य आरोपी घोषित करार दिया. तीनों के स्केच जारी किए गए हैं. जानकारी देने पर ₹20 लाख का इनाम रखा गया है. गुरुवार की रात सुरक्षा बलों ने ठोकर और एक अन्य आरोपी आसिफ शेख के घरों को आईईडी से उड़ा दिया.