Nishikant Dubey targeted Bangladesh: पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है, तब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बांग्लादेश पर भी निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘बांग्लादेश भी बड़ा छटपट कर रहा है, उसको भी गंगा नदी का पानी बंद करने का समय आ गया है. पानी पीकर जीएगा हमसे, गाएगा पाकिस्तान से.’
उन्होंने इसके साथ ही एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया और लिखा, “गंगाजल इन पापियों को?” निशिकांत दुबे ने जिस रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है, उसके मुताबिक बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक सलाहकार ने हाल ही में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक सदस्य से मुलाकात की थी.
रिपोर्ट में किया गया था ये बड़ा दावा
रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार डॉ. आसिफ नजरूल ने पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद ढाका में लश्कर-ए-तैयबा के सीनियर ऑपरेटिव इजहार से मुलाकात की थी. इस घटना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इससे भारत के खिलाफ उग्रवाद को बढ़ावा देने में ढाका की मौजूदा सरकार की भूमिका को लेकर शक पैदा हो रहा है.
निशिकांत दुबे ने की थी सरकार की तारीफ
निशिकांत दुबे ने हाल ही में मोदी सरकार द्वारा 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले की तारीफ की और कहा कि अब पाकिस्तान बिना पानी के मर जाएगा. सिंधु जल संधि को लेकर अपने एक और सोशल मीडिया पोस्ट में गोड्डा के सांसद ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि नेहरू 1960 में नोबेल पुरस्कार पाने की चाह में ‘सांप को भी पानी पिलाने’ के लिए तैयार हो गए थे. बता दें कि सिंधु जल संधि पर 19 सितंबर 1960 को भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने दस्तखत किए थे.
सरकार ने उठाए बड़े कदम
पहलगाम में पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों द्वारा 26 पर्यटकों की हत्या के बाद पूरे भारत में गुस्सा है. मोदी सरकार ने कहा है कि इस हमले में शामिल आतंकियों और उनके समर्थकों को बहुत बड़ी सजा दी जाएगी. केंद्र सरकार ने शुरुआती कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई ‘सिंधु जल संधि’ को स्थगित कर दिया है. इसके साथ ही अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट को भी बंद कर दिया गया है. पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा भी तुरंत रद्द कर दिए गए हैं. इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह एक हफ्ते के अंदर नई दिल्ली में मौजूद अपने सभी डिफेंस एडवाइजर्स को वापस बुला ले.
जानें क्या है गंगा जल बंटवारा संधि?
भारत और बांग्लादेश के बीच 1996 में गंगा जल के बंटवारे के लिए एक संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे. इस संधि का उद्देश्य गंगा नदी के पानी को दोनों देशों के बीच बांटना था. यह संधि 1975 में फरक्का बैराज के निर्माण के बाद हुए विवाद को सुलझाने के लिए बनाई गई थी, जिसका उद्देश्य कोलकाता बंदरगाह के लिए पानी का प्रवाह बनाए रखना था.
यह संधि 30 साल के लिए थी और 2026 में समाप्त हो जाएगी. इसे दोनों देशों की सहमति से नवीनीकरण किया जा सकता है. फरक्का बैराज भारत में गंगा नदी पर स्थित है, जो पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश की सीमा से करीब 10 किलोमीटर दूर है.